BA Semester-2 Ancient Indian History and Culture - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2723
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- रामगुप्त की ऐतिहासिकता पर विचार व्यक्त कीजिए।

उत्तर- 

रामगुप्त की ऐतिहासिकता

समुद्रगुप्त के पश्चात गुप्तों की वंशावली में चंद्रगुप्त द्वितीय का नाम उल्लिखित है, परन्तु दोनों शासकों के बीच रामगुप्त नामक एक दुर्बल शासक का अस्तित्व था या नहीं, यह एक विचारणीय प्रश्न है। विशाखदत्त कृत देवीचन्द्रगुप्तम् नामक नाटक में चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य से पूर्व रामगुप्त का गुप्त शासक के रूप में वर्णन किया गया है जिनके शासनकाल में शक आक्रमणकारियों ने ऐसी संकटपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर दी थी कि रामगुप्त ने अपनी पत्नी ध्रुवदेवी (जिसके प्रति शकाधिपति आसक्त थे) को देकर शांति खरीदने का विचार किया। रामगुप्त की इस कायरता से क्षुब्ध होकर उसके छोटे भाई चंद्रगुप्त ने स्थिति को संभालने के उददेश्य से स्वयं ध्रुवदेवी का भेष बनाकर शक शिविर में जाने की योजना बनाई और जब इस प्रकार वह तथा उसके साथी शकाधिपति के पास स्त्री वेश में पहुँचे और शक शासक चंद्रगुप्त को ध्रुवदेवी समझ उसकी ओर बढ़ा तभी छद्दम वेषधारी चंद्रगुप्त ने शकराज की हत्या कर दी। इसके उपरान्त चंद्रगुप्त ने अपने कायर बड़े भाई की भी हत्या कर दी तथा गद्दी पर अधिकार कर लिया और ध्रुवदेवी से विवाह कर लिया। इस घटना के तथ्य भारतीय नैतिक आदर्शों के इतने प्रतिकूल हैं कि अनेक विद्वानों ने इस कथा को सर्वथा काल्पनिक माना है। इस घटना का उल्लेख स्वाभाविक रूप से गुप्त लेखों में कहीं पर नहीं हुआ है, क्योंकि यह गुप्त वंश के लिए कोई गौरव का स्मरण करने लायक घटना नहीं थी। परन्तु इसका वर्णन हमें अनेक परवर्ती स्रोतों में प्राप्त होता है। बाण के हर्षचरित, राजशेखर के काव्यमीमांसा, राष्ट्रकूट अमोघ हर्ष के शक संवत् 795 के संजन ताम्रपत्र अभिलेख और गोविन्द चतुर्थ के सांगली व खम्भात ताम्रपत्रों में इस घटना का उल्लेख हमें प्राप्त होता है। इस घटना की सत्यता के आगे इतिहासकारों को अनिवार्यतः झुकना ही पड़ता है। रामगुप्त के कुछ ताँबे के सिक्के विदिशा तथा उदयगिरि से प्राप्त हुए है। उसके कुछ सिक्कों पर 'गरुड़' भी अंकित है, जिससे ताँबे के सिक्को वाला रामगुप्त गुप्तवंशीय शासक प्रतीत होता है। परन्तु रामगुप्त से पूर्व समुद्रगुप्त के या उसके बाद आने वाले चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के ताँबे के सिक्के प्राप्त न होने से उन सिक्कों के विषय में निर्णयात्मक रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है। रामगुप्त की समस्या का अधोपूर्ण समाधान नहीं हो पाया है। हालाँकि संभावना ऐसी ही प्रतीत होती है कि समुद्रगुप्त के उपरान्त रामगुप्त ने अल्पकाल के लिए गद्दी पर अधिकार कर लिया था। इस प्रकार रामगुप्त की ऐतिहासिकता पर सन्देह नहीं किया जा सकता है। रामगुप्त को सिंहासन से पदच्युत करके समुद्रगुप्त का योग्य पुत्र चंद्रगुप्त द्वितीय शासक बना। उसका दूसरा नाम देवराज या देवगुप्त था, जैसा कि वाकाटक अभिलेखों व चन्द्रगुप्त द्वितीय के कुछ सिक्कों से जिन पर देवश्री लिखा है, से स्पष्ट है। गुप्त संवत् 61 का एक लेख प्राप्त होता है जो चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासन काल के पंचम वर्ष में लिखवाया गया था। इससे उनके राज्यारोहण की तिथि निश्चित रूप से गुप्त संवत 56 ( 375-76 ई.) कही जा सकती है। अतः रामगुप्त की ऐतिहासिकता पर सन्देह व्यक्त नहीं किया जा सकता है। समुद्रगुप्त तथा चन्द्रगुप्त द्वितीय के मध्य अल्पकाल के लिए रामगुप्त गद्दी पर बैठा था, जिसे चन्द्रगुप्त द्वितीय ने मारकर गद्दी पर अधिकार कर लिया था तथा उसकी विधवा ध्रुवदेवी से विवाह कर लिया। इस प्रकार रामगुप्त गुप्त वंश में एक अल्पकालीन शासक बना था।

भण्डारकर महोदय ने काच नमक शासक का समीकरण रामगुप्त के साथ करते है। भण्डारकर का मत था कि काचगुप्त चन्द्रगुप्त नाटक में इसका नाम 'रामगुप्त' लिखा गया था। दूसरे शब्दों में रामगुप्त को काचगुप्त समझना चाहिए। अल्तेकर ने इसी मत को मुद्रा- साक्ष्य के आधार पर सिद्ध करने की चेष्टा की है - काच की मुद्राओं में समुद्रगुप्त की मुद्राओं की अपेक्षा अधिक मौलिकता है। मौलिकता मुद्राकारों की अनुभव तथा निपुणता के साथ आती है। अतः काच की मुद्राएँ समुद्रगुप्त के पश्चात् बनी होगी। इस प्रकार उसका समीकरण. रामगुप्त के साथ किया जा सकता है राखालदास बनर्जी, अल्तेकर, मिराशी और प्रो. कृष्ण दत्त बाजपेयी आदि विद्वान रामगुप्त को ऐतिहासिक व्यक्ति मानते हैं। बनर्जी, जायसवाल, दांतेकर, प्रो. मिराशी आदि विद्वान् रामगुप्त के समकालीन शक नरेश को पश्चिमोत्तर प्रदेश का शासक मानते है। अभी हाल ही में श्री. जी. एस. गईं ने बेसनगर के समीप दुर्जनपुर में तीन जैन मूर्तियाँ प्राप्त की है। ये मूर्तियाँ ब्रिटिश संग्राहालय में स्थित है। इस लेखों में रामगुप्त को 'महाराजाधिराज' कहा गया है। इनसे रामगुप्त की ऐतिहासिकता की पुष्टि हो जाती है। तीन जैन मूर्तियाँ से रामगुप्त का जैन होना सिद्ध होता है, नहीं होता तथा यह सीमित साक्ष्य हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने हेतु उपयोगी स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
  3. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की सुस्पष्ट जानकारी दीजिये।
  4. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में आप क्या जानते हैं?
  5. प्रश्न- भास की कृति "स्वप्नवासवदत्ता" पर एक लेख लिखिए।
  6. प्रश्न- 'फाह्यान' पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  7. प्रश्न- दारा प्रथम तथा उसके तीन महत्वपूर्ण अभिलेख के विषय में बताइए।
  8. प्रश्न- आपके विषय का पूरा नाम क्या है? आपके इस प्रश्नपत्र का क्या नाम है?
  9. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - प्राचीन इतिहास अध्ययन के स्रोत
  10. उत्तरमाला
  11. प्रश्न- बिम्बिसार के समय से नन्द वंश के काल तक मगध की शक्ति के विकास का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- नन्द कौन थे महापद्मनन्द के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  13. प्रश्न- छठी सदी ईसा पूर्व में गणराज्यों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  14. प्रश्न- छठी शताब्दी ई. पू. में महाजनपदीय एवं गणराज्यों की शासन प्रणाली के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
  15. प्रश्न- बिम्बिसार की राज्यनीति का वर्णन कीजिए तथा परिचय दीजिए।
  16. प्रश्न- उदयिन के जीवन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  17. प्रश्न- नन्द साम्राज्य की विशालता का वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- धननंद और कौटिल्य के सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।
  19. प्रश्न- धननंद के विषय में आप क्या जानते हैं?
  20. प्रश्न- मगध की भौगोलिक सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
  21. प्रश्न- गणराज्य किसे कहते हैं?
  22. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - महाजनपद एवं गणतन्त्र का विकास
  23. उत्तरमाला
  24. प्रश्न- मौर्य कौन थे? इस वंश के इतिहास जानने के स्रोतों का उल्लेख कीजिए तथा महत्व पर प्रकाश डालिए।
  25. प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के विषय में आप क्या जानते हैं? उसकी उपलब्धियों और शासन व्यवस्था पर निबन्ध लिखिए|
  26. प्रश्न- सम्राट बिन्दुसार का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  27. प्रश्न- कौटिल्य और मेगस्थनीज के विषय में आप क्या जानते हैं?
  28. प्रश्न- मौर्यकाल में सम्राटों के साम्राज्य विस्तार की सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
  29. प्रश्न- सम्राट के धम्म के विशिष्ट तत्वों का निरूपण कीजिए।
  30. प्रश्न- भारतीय इतिहास में अशोक एक महान सम्राट कहलाता है। यह कथन कहाँ तक सत्य है? प्रकाश डालिए।
  31. प्रश्न- मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  32. प्रश्न- मौर्य वंश के पतन के लिए अशोक कहाँ तक उत्तरदायी था?
  33. प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के बचपन का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- अशोक ने धर्म प्रचार के क्या उपाय किये थे? स्पष्ट कीजिए।
  35. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौर्य साम्राज्य
  36. उत्तरमाला
  37. प्रश्न- शुंग कौन थे? पुष्यमित्र का शासन प्रबन्ध लिखिये।
  38. प्रश्न- कण्व या कण्वायन वंश को स्पष्ट कीजिए।
  39. प्रश्न- पुष्यमित्र शुंग की धार्मिक नीति की विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- पतंजलि कौन थे?
  41. प्रश्न- शुंग काल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  42. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - शुंग तथा कण्व वंश
  43. उत्तरमाला
  44. प्रश्न- सातवाहन युगीन दक्कन पर प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- आन्ध्र-सातवाहन कौन थे? गौतमी पुत्र शातकर्णी के राज्य की घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
  46. प्रश्न- शक सातवाहन संघर्ष के विषय में बताइए।
  47. प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख के माध्यम से रुद्रदामन के जीवन तथा व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
  48. प्रश्न- शकों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  49. प्रश्न- नहपान कौन था?
  50. प्रश्न- शक शासक रुद्रदामन के विषय में बताइए।
  51. प्रश्न- मिहिरभोज के विषय में बताइए।
  52. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - सातवाहन वंश
  53. उत्तरमाला
  54. प्रश्न- कलिंग नरेश खारवेल के इतिहास पर प्रकाश डालिए।
  55. प्रश्न- कलिंगराज खारवेल की उपलब्धियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  56. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - कलिंग नरेश खारवेल
  57. उत्तरमाला
  58. प्रश्न- हिन्द-यवन शक्ति के उत्थान एवं पतन का निरूपण कीजिए।
  59. प्रश्न- मिनेण्डर कौन था? उसकी विजयों तथा उपलब्धियों पर चर्चा कीजिए।
  60. प्रश्न- एक विजेता के रूप में डेमेट्रियस की प्रमुख उपलब्धियों की विवेचना कीजिए।
  61. प्रश्न- हिन्द पहलवों के बारे में आप क्या जानते है? बताइए।
  62. प्रश्न- कुषाणों के भारत में शासन पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- कनिष्क के उत्तराधिकारियों का परिचय देते हुए यह बताइए कि कुषाण वंश के पतन के क्या कारण थे?
  64. प्रश्न- हिन्द-यवन स्वर्ण सिक्के पर प्रकाश डालिए।
  65. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - भारत में विदेशी आक्रमण
  66. उत्तरमाला
  67. प्रश्न- गुप्तों की उत्पत्ति के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
  68. प्रश्न- काचगुप्त कौन थे? स्पष्ट कीजिए।
  69. प्रश्न- प्रयाग प्रशस्ति के आधार पर समुद्रगुप्त की विजयों का उल्लेख कीजिए।
  70. प्रश्न- चन्द्रगुप्त (द्वितीय) की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से लिखिए।
  71. प्रश्न- गुप्त शासन प्रणाली पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  72. प्रश्न- गुप्तकाल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- गुप्तों के पतन का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- गुप्तों के काल को प्राचीन भारत का 'स्वर्ण युग' क्यों कहते हैं? विवेचना कीजिए।
  75. प्रश्न- रामगुप्त की ऐतिहासिकता पर विचार व्यक्त कीजिए।
  76. प्रश्न- गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के विषय में बताइए।
  77. प्रश्न- आर्यभट्ट कौन था? वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- स्कन्दगुप्त की उपलब्धियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  79. प्रश्न- राजा के रूप में स्कन्दगुप्त के महत्व की विवेचना कीजिए।
  80. प्रश्न- कुमारगुप्त पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
  81. प्रश्न- कुमारगुप्त प्रथम की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  82. प्रश्न- गुप्तकालीन भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर प्रकाश डालिए।
  83. प्रश्न- कालिदास पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- विशाखदत्त कौन था? वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- स्कन्दगुप्त कौन था?
  86. प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख से किस राजा के विषय में जानकारी मिलती है? उसके विषय में आप सूक्ष्म में बताइए।
  87. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - गुप्त वंश
  88. उत्तरमाला
  89. प्रश्न- दक्षिण के वाकाटकों के उत्कर्ष का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  90. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वाकाटक वंश
  91. उत्तरमाला
  92. प्रश्न- हूण कौन थे? तोरमाण के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  93. प्रश्न- हूण आक्रमण के भारत पर क्या प्रभाव पड़े? स्पष्ट कीजिए।
  94. प्रश्न- गुप्त साम्राज्य पर हूणों के आक्रमण का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  95. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - हूण आक्रमण
  96. उत्तरमाला
  97. प्रश्न- हर्ष के समकालीन गौड़ नरेश शशांक के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  98. प्रश्न- हर्ष का समकालीन शासक शशांक के साथ क्या सम्बन्ध था? मूल्यांकन कीजिए।
  99. प्रश्न- हर्ष की सामरिक उपलब्धियों के परिप्रेक्ष्य में उसका मूल्यांकन कीजिए।
  100. प्रश्न- सम्राट के रूप में हर्ष का मूल्यांकन कीजिए।
  101. प्रश्न- हर्षवर्धन की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिये?
  102. प्रश्न- हर्ष का मूल्यांकन पर टिप्पणी कीजिये।
  103. प्रश्न- हर्ष का धर्म पर टिप्पणी कीजिये।
  104. प्रश्न- पुलकेशिन द्वितीय पर टिप्पणी कीजिये।
  105. प्रश्न- ह्वेनसांग कौन था?
  106. प्रश्न- प्रभाकर वर्धन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  107. प्रश्न- गौड़ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  108. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वर्धन वंश
  109. उत्तरमाला
  110. प्रश्न- मौखरी वंश की उत्पत्ति के विषय में बताते हुए इस वंश के प्रमुख शासकों का उल्लेख कीजिए।
  111. प्रश्न- मौखरी कौन थे? मौखरी राजाओं के जीवन तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  112. प्रश्न- मौखरी वंश का इतिहास जानने के साधनों का वर्णन कीजिए।
  113. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौखरी वंश
  114. उत्तरमाला
  115. प्रष्न- परवर्ती गुप्त शासकों का राजनैतिक इतिहास बताइये।
  116. प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासकों के मौखरी शासकों से किस प्रकार के सम्बन्ध थे? स्पष्ट कीजिए।
  117. प्रश्न- परवर्ती गुप्तों के इतिहास पर टिप्पणी लिखिए।
  118. प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासक नरसिंहगुप्त 'बालादित्य' के विषय में बताइये।
  119. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - परवर्ती गुप्त शासक
  120. उत्तरमाला

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